2024| Direct to Mobile Technology (D2M): इंटरनेट के सीधे आपके फोन पर टीवी और ज्यादा!

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Direct to Mobile Technology

Direct to Mobile Technology: दोस्तों, आपने मोबाइल इंटरनेट क्रांति का तो बखूबी अनुभव किया है, लेकिन क्या आप तैयार हैं एक और क्रांति के लिए? जी हां, मैं बात कर रहा हूं Direct to Mobile (D2M) Technology की, जो आपके स्मार्टफोन पर सीधे टीवी, वीडियो और अन्य मल्टीमीडिया सामग्री पहुंचाने का वादा करती है, बिना किसी इंटरनेट की जरूरत के! आइए, इस तकनीकी जादू की बारीकियों और इसके आपके जीवन को बदलने की क्षमता को देखें।

Direct to Mobile Technology का जन्म भारत में ही हुआ है! 2022 में, आईआईटी कानपुर ने इस अभिनव तकनीक का वाइट पेपर प्रकाशित किया, जिसने देशभर में हलचल मचा दी। केंद्र सरकार ने भी इस सपने को पंख लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, और दूरसंचार विभाग, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ मिलकर इसका विकास शुरू किया।

Direct to Mobile Technology क्या है?

Direct to Mobile Technology पारंपरिक रेडियो प्रसारण की तरह ही काम करती है, लेकिन एक खास ट्विस्ट के साथ। टीवी चैनल, ओटीटी प्लेटफॉर्म और अन्य मल्टीमीडिया सामग्री को रेडियो तरंगों पर डिजिटल सिग्नल के रूप में प्रसारित किया जाता है, जिसे आपके स्मार्टफोन में एक विशेष प्रकार के एंटीना द्वारा कैप्चर किया जाता है। ये एंटीना मौजूदा स्मार्टफोन में नहीं होते हैं, लेकिन भविष्य के स्मार्टफोन में ये एक आम फीचर बनने की उम्मीद है।

यह एक स्वदेशी ‘मेड इन इंडिया’ तकनीक है, और यह दुनिया में अपनी तरह की पहली है। D2M सामग्री वितरण, विशेष रूप से वीडियो सामग्री में क्रांति लाने जा रहा है। उपभोक्ता आज अपने फोन पर वीडियो देख रहे हैं; सांख्य लैब्स के सीईओ पराग नाइक ने प्रसार भारती न्यूज सर्विसेज को बताया, “ज्यादातर चीजें फोन पर खपत होती हैं, और डी2एम तकनीक के साथ, वे डेटा प्लान के लिए भुगतान किए बिना वीडियो सामग्री प्राप्त करने में सक्षम होंगे।

बैंड 526-582 मेगाहर्ट्ज को मोबाइल और प्रसारण सेवाओं दोनों के साथ समन्वय में काम करने की परिकल्पना की गई है। आईआईटी कानपुर द्वारा आयोजित एक कॉन्क्लेव में डीओटी के सचिव के राजारमन ने कहा, “दूरसंचार विभाग ने इस बैंड का अध्ययन करने के लिए एक समिति का गठन किया है।

वर्तमान में, 526-582 मेगाहर्ट्ज बैंड का उपयोग प्रसार भारती (डीडी) या स्थलीय टीवी प्रसारण द्वारा किया जाता है। बैंड में कई एनालॉग, डिजिटल रेडी और डिजिटल टेरेस्ट्रियल टीवी ट्रांसमीटर काम कर रहे हैं।

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Direct to Mobile (D2M) Technology कैसे काम करती है?

Direct to Mobile (D2M) Technology एक क्रांतिकारी नवाचार है जो टीवी, फिल्मों, समाचारों और अन्य सामग्री को सीधे आपके स्मार्टफोन पर प्रसारित करता है, बिना किसी इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता के। यह पारंपरिक मोबाइल डेटा या वाई-फाई के बजाय एक अलग रेडियो स्पेक्ट्रम बैंड का उपयोग करता है, जिससे बेहतर कवरेज, कम विलंबता और कम बैटरी खपत होती है।

यहाँ यह कैसे काम करता है:

  1. टावरों से सिग्नल प्रसारण: D2M टावर एक विशेष रेडियो फ्रीक्वेंसी बैंड में सामग्री को एन्कोड करते हैं और प्रसारित करते हैं। ये टावर सेल टावरों से अलग होते हैं और विशेष रूप से D2M सेवा के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
  2. स्मार्टफोन रिसीवर: D2M-सक्षम स्मार्टफोन में एक विशेष चिप होती है जो इन संकेतों को प्राप्त कर सकती है और उन्हें डीकोड कर सकती है। यह चिप पारंपरिक सेलुलर रेडियो चिप से अलग है और विशेष रूप से D2M सिग्नल के लिए अनुकूलित है।
  3. सामग्री का प्रदर्शन: डीकोडेड सिग्नल को तब स्मार्टफोन पर एक ऐप में प्रदर्शित किया जाता है। यह ऐप उपयोगकर्ता को चैनलों को ब्राउज़ करने, सामग्री का चयन करने और इसे देखने की अनुमति देता है।

D2M तकनीक के कुछ प्रमुख तकनीकी पहलू:

  • रेडियो स्पेक्ट्रम: D2M सेवाएं आमतौर पर VHF या UHF बैंड में 100-470 MHz की आवृत्ति रेंज में काम करती हैं। ये बैंड पारंपरिक सेलुलर सेवाओं की तुलना में कम भीड़भाड़ वाले हैं, बेहतर कवरेज और कम विलंबता प्रदान करते हैं।
  • सिग्नल मॉड्यूलेशन: D2M सिग्नल को विभिन्न मॉड्यूलेशन तकनीकों का उपयोग करके प्रसारित किया जा सकता है, जैसे कि DVB-T2 या ATSC 3.0। ये तकनीकें त्रुटियों को ठीक करने और मजबूत सिग्नल रिसेप्शन सुनिश्चित करने में मदद करती हैं।
  • कंटेंट प्रोटेक्शन: कॉपीराइट उल्लंघन को रोकने के लिए D2M सामग्री को एन्क्रिप्ट किया गया है। केवल D2M-सक्षम स्मार्टफोन में सही डिक्रिप्शन कुंजी होती है, जिससे अनधिकृत पहुंच को रोका जा सकता है।

D2M तकनीक अभी भी अपने शुरुआती दौर में है, लेकिन यह मोबाइल मनोरंजन के भविष्य में क्रांति लाने की क्षमता रखती है। यह विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोगी हो सकता है जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी सीमित है या महंगी है। D2M तकनीक के विकास के साथ, हम और अधिक सामग्री, बेहतर कवरेज और कम कीमतों की उम्मीद कर सकते हैं।

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Direct to Mobile (D2M): के लाभों की झोली – मनोरंजन से लेकर आपदा प्रबंधन तक!

D2M टेक्नोलॉजी के लाभों की सूची लम्बी है, आइए कुछ प्रमुख बिंदुओं को देखें:

  • इंटरनेट की आजादी: D2M आपको इंटरनेट कनेक्टिविटी की चिंता से मुक्त कर देता है। दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोग, सीमित डेटा प्लान वाले लोग, या कमजोर नेटवर्क वाले इलाकों में रहने वाले सभी इसका लाभ उठा सकते हैं।
  • बेहतर पहुंच: D2M रेडियो तरंगों का उपयोग करता है, जो भौगोलिक बाधाओं को पार कर सकती हैं। इससे पहाड़ी क्षेत्रों, जंगलों और दूरदराज के गांवों में भी मीडिया का प्रसारण संभव हो पाएगा।
  • आपदा प्रबंधन में सहायक: आपदा की स्थिति में जब इंटरनेट नेटवर्क ठप हो जाते हैं, D2M आपदा अलर्ट और सूचनाओं को सीधे आपके फोन पर पहुंचा सकता है।
  • नया मनोरंजन का रास्ता: D2M लाइव टीवी, ऑन-डिमांड वीडियो, रेडियो और अन्य मल्टीमीडिया सामग्री का एक नया स्रोत खोलता है। यह उन लोगों के लिए खासकर लाभदायक है जो सीमित डेटा प्लान का उपयोग करते हैं।
  • डेटा बचाओ, पैसा बचाओ: D2M इंटरनेट डेटा की खपत को कम करता है, जिससे आपके डेटा प्लान पर पैसा बचा सकता है।
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Direct to Mobile (D2H) – कमियां भी हैं!

कोई भी नई तकनीक कमियों से मुक्त नहीं होती है, और D2M भी इससे अछूता नहीं है। आइए कुछ प्रमुख कमियों पर नजर डालें:

  • नया स्मार्टफोन जरूरी: D2M एंटीना वाले स्मार्टफोन अभी तक बाजार में नहीं आए हैं, इसलिए आपको एक नया फोन खरीदना पड़ सकता है।
  • शुरूआती लागत: D2M प्रसारण नेटवर्क और सेवाओं को स्थापित करने में शुरुआती लागत
  • कंटेंट की सीमा: अभी तक, D2M के जरिए उपलब्ध कंटेंट की सीमा सीमित है। बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल होने पर ही कंटेंट निर्माता D2M प्लेटफॉर्म पर अपने
  • इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास: नई टावरों और नेटवर्क स्थापना के लिए निवेश की ज़रूरत है। इसके साथ-साथ स्मार्टफोन भी D2M सिग्नल रिसीव करने के लिए सक्षम होने चाहिए।
  • रेगुलेटरी मुद्दे: इस नई टेक्नोलॉजी के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन और रेगुलेटरी फ्रेमवर्क अभी तय हो रहा है। सरकार को इन मसलों का जल्द से निवारण करना पड़ेगा।

Conclusion

निष्कर्ष के तौर पर, Direct to Mobile (D2M) एक गेम-चेंजर साबित होती है, जो इंटरनेट कनेक्टिविटी की जंजीरों को तोड़कर आपके स्मार्टफोन पर लाइव टीवी, समाचार और मनोरंजन का सीधा प्रसारण लाती है। पारंपरिक मोबाइल डेटा और वाई-फाई की कमियों को दूर करते हुए, यह बेहतर कवरेज, कम विलंबता और कम बैटरी खपत का वादा करती है।

ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के लिए तो यह वरदान की तरह है, जहां इंटरनेट पहुंच से बाहर है। शिक्षा, आपदा प्रबंधन और दूरस्थ शिक्षा को D2M तकनीक बड़ा बूस्टर देगी। भले ही अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन D2M तकनीक के भविष्य में और अधिक सामग्री, बेहतर कवरेज और कम कीमतों की उम्मीद की जा सकती है। आने वाले समय में यह निश्चित रूप से मोबाइल मनोरंजन के परिदृश्य को बदलने का माद्दा रखती है।

D2M टेक्नोलॉजी अभी अपनी उड़ान भर रही है, और आने वाले सालों में इसके नज़ारे हमें ज़रूर हैरान कर देंगे!

FAQs

Q – D2M तकनीक का पूर्ण रूप क्या है?

Ans – केंद्र सरकार ने हाल ही में घोषणा की कि सांख्य लैब्स और आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित घरेलू Direct to Mobile (D2M) तकनीक का परीक्षण जल्द ही 19 शहरों में किया जाएगा। यह तकनीक उपयोगकर्ताओं को सीधे अपने स्मार्टफोन और टैबलेट पर मल्टीमीडिया सामग्री की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुंचने में सक्षम बनाती है।

Q – D2M तकनीक किसने विकसित की?

Ans – Saankhya Labs और IIT कानपुर द्वारा विकसित घरेलू Direct to Mobile (D2M) तकनीक है।

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